Rene Descartes

मन और शरीर का द्वैतवाद: डेकार्ट्स और सांख्य दर्शन का दृष्टिकोण

नमस्ते शिक्षार्थियों!

हमारे शरीर और मन के बीच का संबंध क्या है? ये सवाल हमे सदैव ही संदेह में डालता आया है। इस द्वैतवाद को समझने के लिए पश्चिम के महान दार्शनिक रेने डेकार्ट्स का मन-शरीर द्वैतवाद और भारतीय सांख्य दर्शन ने अपने अपने मत प्रस्तुत किए है। आइए, समझते है कि कैसे ये दो विपरीत दर्शन हमारे मन और शरीर के जटिल संबंध के रहस्य को समझाते है।

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कौन थे वानर ?: रामायण के योद्धाओं का वास्तविक परिचय

नमस्ते शिक्षार्थियों!

क्या आपने कभी सोचा है कि रामायण की वानर सेना, जिसमें हनुमान जी, सुग्रीव, अंगद, और बालि जैसे वीर शामिल थे, वास्तव में कौन थे? क्या वे बंदर थे, जैसा कि हम अक्सर सोचते हैं, या सत्य कुछ और ही है? आइए, हम मिलकर वाल्मीकि रामायण की इस गुत्थी को सुलझाने की एक यात्रा पर चलें, जहाँ इस अद्भुत वानर सेना का वास्तविक रूप धीरे-धीरे हमारे सामने उजागर होगा।

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The Vanara Sena: Uncovering the Truth Behind the Myth

Namaste Shikshanarthi’s!

Have you ever wondered about the powerful Vanara Sena in the Ramayana? Who were they really? Were they simply monkeys, or could there be more to their story? Together, let’s dive into the ancient texts to uncover the fascinating truth behind these mysterious beings, discovering how they might not be who we thought they were.

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उपनिषदों से मिलने वाली अद्भुत शिक्षाएँ (भाग 2)

नमस्ते शिक्षार्थियों!

उपनिषद् केवल धार्मिक ग्रंथ नहीं हैं, वे जीवन को समझने और सही दिशा में चलने के लिए आवश्यक मार्गदर्शन देते हैं। ये हमारे प्राचीन ज्ञान के वह बहुमूल्य संग्रह हैं जो आज भी उतने ही महत्वपूर्ण और प्रासंगिक हैं जितने सहस्त्रों वर्ष पहले थे। इस दूसरे भाग में हम उन पाँच और उपनिषदों की ओर देखेंगे, जिनकी शिक्षाएं हमारे जीवन में स्थायित्व, उद्देश्य और संतुलन लाने में सहायता करती हैं।

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Wisdom from the Upanishads: A Journey for Every Generation (Part 2)

Namaste Shikshanarthi’s!

Welcome back to the second part of our exploration into the teachings of the Upanishads. In Part 1, we discussed the first five significant Upanishads and their powerful messages for today’s youth. If you haven’t read the first part, I encourage you to do so, as it lays the groundwork for what we will be covering here. In this second part, we will dive into the next five prominent Upanishads, drawing out lessons that are not only relevant to our daily lives but also timeless in their philosophical insights.

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काम और सनातन धर्म

नमस्ते शिक्षार्थियों,

क्या आपने कभी सोचा है कि काम को केवल वासना के दृष्टिकोण से देखा जाना चाहिए, या इसका कुछ और भी अर्थ हो सकता है? सनातन धर्म, जिसे हजारों वर्षों से हमारे ऋषि-मुनियों ने संरक्षित रखा है, काम के विषय पर एक विस्तृत और गहन दृष्टिकोण रखता है। कई बार हमें इसे समझने में दिक्कत हो सकती है क्योंकि हमारे समाज में इस पर बात करने से अधिकतर परहेज किया जाता है। लेकिन इस लेख में हम सरल रूप में समझने की कोशिश करेंगे कि सनातन धर्म में काम की क्या भूमिका है, क्यों इसे संयम के साथ निभाने पर जोर दिया गया है, और इसके पीछे का वास्तविक दृष्टिकोण क्या है।

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