उपनिषदों से मिलने वाली अद्भुत शिक्षाएँ (भाग 1)

नमस्ते शिक्षार्थियों!

क्या आपने कभी सोचा है कि हमारे प्राचीन ग्रंथों में जीवन के सबसे गहरे और महत्वपूर्ण रहस्य छिपे हैं? उपनिषदों के माध्यम से हमें न केवल ब्रह्मांड और आत्मा के रहस्यों का ज्ञान प्राप्त होता है, बल्कि यह भी सीख मिलती है कि हमें अपने जीवन को कैसे जीना चाहिए। आज के लेख में हम 5 प्रमुख उपनिषदों – मुंडक, प्रश्न, कट, केन, और ईश उपनिषद् – के ज्ञान पर चर्चा करेंगे। चाहे आप युवा हों या बुजुर्ग, इन उपनिषदों की शिक्षाएँ जीवन को एक नई दिशा और अर्थ प्रदान करती हैं।

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what is tantra

तंत्र: शिव और शक्ति की एक अद्भुत साधना

नमस्ते शिक्षार्थियों!

नवरात्रि का समय आते ही हर जगह माँ भगवती की आराधना और पूजा की गूंज सुनाई देने लगती है। लोग देवी की उपासना में लीन होते हैं, भक्ति के गीत गाते हैं, और दीप जलाते हैं। इसी दौरान, कुछ लोग विशेष पूजा विधियों का पालन करते हैं, जिन्हें हम तंत्र साधना कहते हैं।

परंतु, जब भी तंत्र की बात होती है, इसे अक्सर गलत तरीके से समझा जाता है। लोगों को लगता है कि तंत्र केवल जादू-टोने, वशीकरण या काले जादू से जुड़ा हुआ है। लेकिन सच यह है कि तंत्र का वास्तविक स्वरूप बहुत गहरा और आध्यात्मिक है। यह केवल कुछ रहस्यमय क्रियाएँ नहीं हैं, बल्कि यह एक पद्धति है, जो हमें ज्ञान, भक्ति और कर्म के माध्यम से दिव्यता से जोड़ती है।

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9 forms of maa durga

नौ रूप, नौ शक्तियाँ: माँ दुर्गा की अमर कहानी

नमस्ते शिक्षार्थियों!

नवरात्रि में माँ दुर्गा के नौ रूपों की पूजा क्यों की जाती है? ये नौ रूप जीवन के विभिन्न चरणों को दर्शाते हैं, हमें साहस, ज्ञान, प्रेम और जीवन के मूल्यों का महत्वपूर्ण सबक देते हैं। इन दिव्य रूपों की यात्रा हमें बचपन से लेकर बुढ़ापे तक की जिंदगी के अनुभवों का संदेश देती है। आइए, इन रूपों को समझें और उनसे सीखें कि कैसे अच्छी जिंदगी जीनी है।

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शून्यवाद vs. निहिलिज़्म: सत्य की खोज

नमस्ते शिक्षार्थियों!

कल्पना करें एक ऐसी दुनिया जहां वास्तविकता का सार विचारों, शब्दों, या तर्क से पूरी तरह समझा नहीं जा सकता। दूसरी शताब्दी के बौद्ध दार्शनिक नागार्जुन ने शून्यवाद के दर्शन के माध्यम से अस्तित्व की हमारी धारणाओं को चुनौती दी। पश्चिमी विचारधारा इसे निहिलिज्म के रूप में देखती है, लेकिन नागार्जुन का शून्यवाद यह बताता है कि ब्रह्मांड में कुछ भी स्थायी, स्वतंत्र अस्तित्व नहीं रखता। वास्तव में, इस सिद्धांत में एक सुंदर गहराई है जो हमें जीवन की सतह से परे देखने के लिए प्रेरित करती है। जबकि कुछ लोग शून्यवाद को निहिलिज्म से तुलना करते हैं, जो जीवन को अर्थहीन मानता है, नागार्जुन का दर्शन हमें ब्रह्मांड और हमारी भूमिका को समझने का एक परिवर्तनकारी तरीका प्रदान करता है।

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उद्धव गीता: श्रीकृष्ण का अंतिम संदेश

नमस्ते शिक्षार्थियों!

क्या आप जानते हैं कि भगवान श्रीकृष्ण ने केवल एक नहीं, बल्कि दो गीता का उपदेश दिया था? पहली तो हम सभी जानते हैं – भगवद गीता, जो महाभारत का एक हिस्सा है। दूसरी गीता है उद्धव गीता, जिसे हंस गीता के नाम से भी जाना जाता है।

उद्धव गीता श्रीमद्भागवत पुराण का हिस्सा है, और इसे भगवद गीता के समान ही गूढ़ माना जाता है। भगवद गीता में श्रीकृष्ण ने अर्जुन को युद्ध के आरंभ में ज्ञान दिया, जबकि उद्धव गीता में उन्होंने युद्ध के बाद अपने सखा उद्धव को अपने जीवन के अंतिम दिनों में ज्ञान प्रदान किया। यही कारण है कि इसे The Last Message of Shri Krishna कहा जाता है।

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गौतम बुद्ध: तार्किकता और करुणा का मेल

नमस्ते शिक्षार्थियों!

गौतम बुद्ध ने पुनर्जन्म, संसार और दार्शनिकता की गहराइयों को तार्किकता और विचारों से नापा। उन्होंने उन सवालों का उत्तर दिया जिन्हें न तो किसी ने पहले सोचा था और न बाद में। उनकी सोच ने दुनिया के कई हिस्सों को प्रभावित किया। आइए जानें कि गौतम बुद्ध की शिक्षाओं में ऐसा क्या था जिसने कई देशों को आकर्षित किया और महान सम्राट अशोक को भी अहिंसा का रास्ता अपनाने के लिए प्रेरित किया।

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